गणतंत्र दिवस 26 जनवरी :
15 अगस्त 1947 के दिन भारत देश आज़ाद हुआ उसिके साथ ही डॉ. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को हमारे देश के कानून और न्याय मंत्री के तौर पर नियुक्त किया गया था। 29, अगस्त को उन्हे देश की संरचना बनाने की कमिटी के चेरमेन की जिम्मेदारी सौंपी गई।
भारत देश की संरचना बनाने के लिए 389 जीतने विशेषज्ञो की समिति बनवाई गई थी।डॉ. बाबासाहेब अंबेडकरने 60 जीतने देशो की संरचना का गहराई से अध्ययन किया।
डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के द्वारा 26, नवंबर 1949 के दिन 90,000 शब्दों का देश के प्रति संरचना बना ली गई थी। इसी लिए नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा 2015 से 26 नवंबर के दिन को ‘देश की संरचना का दिन’ के रुपमे शुरू किया है।
भारत देश मे गणतन्त्र दिवस Republic Day को कैसे अमल मे लाया गया ?
उसके बाद 26 जनवरी 1950 के दिन से गणतन्त्र दिवस लागू कर दिया गया था। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकरने 2 साल, ग्यारह माह और अठरा दिन तक कड़ी मेहनत कर के भारतीय संविधान का निर्माण किया था, उसके बाद उस संविधान को 26, नवंबर 1949 के दिन संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद को सोंप दिया गया था।
114 दिन तक संविधान के निर्माण करने के विषय मे बेठक बुलाई गई, उसमे भारत के पत्रकार और जनता को भाग लेनी की छुट दी गई थी।
उस संविधान मे कुछ सुधार किए गए, उस सुधार के बाद सभा के 308 सभ्यो के द्वारा 24 जनवरी 1950 के दिन संविधान की हाथो से लिखी हुई दो प्रतिलिपि (इंग्लिश और हिन्दी) पर हस्ताक्षर किए गए थे।
इसके ठीक दो दिन बाद 26 जनवरी 1950 से यह संविधान हमारे भारत देश की जनता के ऊपर लागू कर दिया गया था। इसी लिए यह दिन का हमारे देश की जनता द्वारा “गणतंत्र दिवस” Gantantra Divas के रूप मे26 जनवरी के दिन बड़े ही गर्व के साथ पूरे भारत देश मे मनाया जाता है।
भारत देश को आज़ादी मिली कैसे मिली ?
गांधीजी के नेतृत्वमे स्वतंत्रता सेनानीओने 26 जनवरी,1930 के दिन से ही पूर्ण स्वराज का संकल्प करके देश के नागरिकों को तत्कालीन राष्ट्रीय ध्वज को लहराने की अपील की थी। उसके बाद ही दांडीमार्च (दांडीकूच) से लेकर अहिंसक आंदोलन और ‘क्विट इंडिया’ ने ज़ोर पकड़ा था।
भारत देश के 15 अगस्त के आज़ादी के दिन को भी ब्रिटीशरो ने उनकी उपलब्धिओ के साथ जोड़ दिया है, जिस बात जी जानकारी हमारे देश के ज्यादा लोगो को पता नहीं है,
जापान को ब्रिटन सहित के साथी देशो के बलों के खिलाफ हार मिली थी, वह दिन 15 अगस्त, 1945 था, इसी लिए उसी दिन के साथ अंग्रेज़ो के जीत की दूसरी सालगिरी के उत्सव के दिन ही भारत देश को “आज़ादी का दिन” “स्वतंत्रता दिवस” svatantrata divas घोषित करने का निर्णय लिया गया।
जनवरी 1948 मे भारत देश को आज़ादी मिलने वाली थी, तभी भारत देश के नेताओ द्वारा मन ही मन मे योजना कर लेते है की, हमारा “स्वतंत्रता दिवस” 26 जनवरी हो तो अच्छा है।
उस समय भारत-पाकिस्तान के बीच बँटवारे की बातो ने जौर पकड़ी थी, इसलिए अंग्रेजो को लगा की हमारी पूर्वयोजना के अनुसार 1948 तक इंतजार करने से भारत-पाकिस्तान के बीच हिंसा जारी रहेगी तो वह संभव नहीं होगा।
अंग्रेज़ो को इस हिंसा का पूर्वाभास हो गया था, इसलिए ब्रिटिश हाइ कमांड से सूचना मिलती है, की भारत देश को जुलाई माह या अगस्त माह मे ही आज़ादी दे दी जाए।
अंग्रेज़ो के लॉर्ड माउंटबेटन के लिए 15 अगस्त का दिन बहुत भाग्यशाली था। क्यो की दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, जापानी सेना ने 15 तारीख के दिन ही अंग्रेज़ो के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। इसलिए 15 अगस्त 1947, को ही “स्वतंत्रता दिवस”के रुपमे पसंद किया था।