मेघालय परिचय :
मेघालय यानि ‘बादलो का घर’। यह राज्य भारत के पूर्वोत्तर मे स्थित एक बहुत ही सुंदर राज्य है। भारत देश मे ब्रिटिश शासन के समय तत्कालीन ब्रिटिश शाही अधिकारियों ने इस राज्य को ‘पूर्व का स्काटलेंड’ की संज्ञा दी थी।
मेघालय राज्य पहले असम का हिस्सा हुआ करता था। फिर बाद मे जैन्तीय पर्वतीय, ख़ासी एवं गारो जिले को अलग करके एक नए राज्य मेघालय का निर्माण किया गया।
उत्तर-पूर्व के इस राज्य मेघालय मे प्रकृति अपने सुंदर रूप मे दिखाई देती है। पहाड़ो, झरने और हरियाली से भरे इस राज्य मे मानो प्रकृति के करीब होने का अनुभव होता है।
मेघालय भारत देश के अन्य राज्यो से काफी अलग है, यहा पर मातृवंशीय प्रणाली चलती है, यानि की यह समाज महिला प्रधान है। जहा महिलाओ को उत्तराधिकारी होने का विशेष अधिकार दिया जाता है। इस राज्य मे पोरुषों को शादी के बाद अपनी पत्नियों के घर जाना पड़ता है।
मेघालय एक कृषि प्रधान राज्य है, यहा पर लगभग 80% जनसंख्या अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर रहते है।
मेघालय मे मोलिननोंग नाम का एक गाँव है, जो एशिया का सबसे स्वछ गाँव माना जाता है। इस गाँव की साक्षारता दर 100% पाई गई है।
मेघालय के सामान्य तथ्य :
- स्थापना दिवस : 21 जनवरी 1972
- राजधानी : शिलांग
- कुल क्षेत्रफल : 22,720 वर्ग किलोमीटर
- कुल जिले : 11
- बड़ा शहर : शिलांग
- प्रथम मुख्य मंत्री : डब्ल्यू.ए. संगमा
- राजकीय भाषा : अंग्रेजी, गारो, ख़ासी
- राजकीय पक्षी : हिल मैना
- राजकीय पशु : धूमिल तेंदुआ
- राजकीय पेड़ : गमहर
- राजकीय फूल : लेडी स्लिपन ओर्चिड़
- मेघालय की सीमा : असम, बांग्लादेश
- प्रमुख नदी : मंदा, सिमसंग, दमरिंग, जंजीराम कोपिली नदी, सोमेश्वरी नदी, कुल्सी नदी आदि।
- जनसंख्या : 32,11,474
- साक्षरता दर : 75.5 %
- प्रमुख कृषि उद्योग : चावल, मक्का, गेहूं, पान, काली मिर्च, आलू, हल्दी, सुपारी, दालें आदि।
- मेघालय के प्रमुख उद्योग : लाइमस्टोन, कोयला, चुना-पत्थर, सिलिमेनाइट
- पर्यटक स्थल : एलीफेंटा फोंल्स, लेडी हैदरी, वार्ड लेक, हैप्पी वैली, चेरापुंजी(जीवित जड़ सेतु), बिशप प्रपात, मार्गरेट जलप्रपात
- मुख्य नृत्य : बागला, लाहो
मेघालय का इतिहास :
भारत देश के उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय मे लगभग 1300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मोमलुह नामक एक गुफा है, जो देश की सब से गहरी और लंबी गुफाओं मे से एक मानी जाती है। इस गुफा की छत से कई हजारो सालो से पानि टपक ने से एक चट्टान का निर्माण हुआ है।
19 वीं शताब्दी मे ब्रिटिश प्रशासन के अधीन आने से पहले खासी, गारो और जयंतिया जनजातियों के अपने राज्य थे, जो काफी पुराने समय से रहते थे।
जब 16 अक्तूबर 1905 को लॉर्ड कर्ज़न के द्वारा बंगाल का विभाजन किया गया, तो मेघालय एक नए प्रांत पूर्वी बंगाल और असम के नए प्रांत का हिस्सा बन गया।
1947 मे भारत देश की आज़ादी के समय आज के मेघालय मे असम राज्य के दो जिले स्थित थे, यह जिले असम के अधीन होने पर भी सीमित स्वायत्त क्षेत्र था।
जब 1971 मे संसद ने पूर्वोत्तर पुनर्गठन अधिनियम को पास किया, तो उसके अंतर्गत 21 जनवरी 1972 को मेघालय का गठन असम राज्य के दो जिलो को मिलाकर किया गया था, यूनाइटेड ख़ासी हिल्स और जयंतिया हिल्स, और गारो हिल्स।
पूर्ण राज्य का दर्जा पाने से पहले, मेघालय को 1970 मे अर्ध-स्वायत्त दर्जा दिया गया था।
मेघालय का भूगोल :
मेघालय राज्य एक पठारो एवं घाटियों तथा ऊंची-नीची भूमि वाला पर्वतीय राज्य है। इस राज्य के उत्तर मे असम और दक्षिण-पश्चिम मे बांग्लादेश स्थित है। मेघालय मे शिलांग चोटी 1965 मीटर की ऊंचाई की है, जो इस राज्य की सब से ऊंची चोटी है। इस के बाद नोकरेक चोटी है, जो गारो हिल्स मे स्थित है।
मेघालय मे कुछ एसे क्षेत्र भी है जहां पर औसत वार्षिक वर्षा 12000 मिमी पाई जाती है, जैसे की चेरापुंजी, जो पृथ्वी पर सबसे अधिक गीला स्थान पाया गया है। इस राज्य के जंगलो को एशिया के सब से धनी वनस्पति आवासों मे माना गया है। यहा पर मौसमो मे विविधता के कारण वनों मे बहुत सारी प्रजातियों के पुष्पो देखने को मिलते है।
यहा पर नदियां पठार से निकलते है। जिससे गहरी, संकरी, खड़ी-किनारे की घाटियाँ बनती है। सबसे महत्व पूर्ण उमियम-बारापानी है, जो मेघालय और असम राज्यों के लिए पनबिजली का प्रमुख स्रोत है।
यहा पर प्रचुर मात्र मे भूगर्भीय सम्पदा पाई जाती है, यहा चुना-पत्थर, कोयला, यूरेनियम, ग्रेनाइट तथा सिलिमैनाइट आदि बहुमूल्य खनिज के भंडार पाये जाते है।
मेघालय राज्य मे अधिकांश रूप से जनजातियाँ निवास करती है। जिनमे ख़ासी जनजाति का समूह सबसे अधिक है। इस के बाद गारो और जयंतिया की जनजाति आति है।
मेघालय के पश्चिम मे गारो हिल्स, मध्य मे ख़ासी हिल्स तथा पूर्व मे जयंतियाँ पहाड़ी स्थित है।
शिलांग हिल्स :
शिलांग हिल्स मेघालय की राजधानी शिलांग मे स्थित एक सब से ऊंचा हिल्स है। इसकी लंबाई 1961 मीटर की है। यहाँ पर शिलांग शहर को देखते हुए ख़ासी पहाड़ियों मे एक प्रमुख IAF स्टेशन है।
यहा पर पर्यटक अधिक मात्र मे देखने को मिलते है।
ख़ासी हिल्स :
मेघालय के पूर्वी और पश्चिमी ख़ासी पहाड़ी जिले मे स्थिर पर्वत माला जो गोंडवाना लैंड का हिस्सा है। यहा की ख़ासी जनजातियों मे मातृ सत्ता परंपरा पाई जाती है।
गारो हिल्स :
इस राज्य के पश्चिमी और पूर्वी गारो पहाड़ी जिले मे फैली गोंडवाना लैंड की चट्टानों वाली पहाड़ीयां है। जहा पर गारो जनजाति पाई जाती है।
जयंतियाँ हिल्स :
यह हिल्स जयंतिया जिले मे स्थित है, जहा पर कोयले की खाने पाई जाती है। जो गोंडवाना लैंड की चट्टानों मे मिलती है।
भारत की सबसे लंबी गुफा प्रणाली इसी राज्य मे जयंतिया पहाड़ियों मे स्थित है। गुफा प्रणाली 22 km से अधिक लंबी है, और इस क्षेत्र मे दो अलग-अलग गुफाओं की जोड़ती है।
मेघालय की संस्कृति और यहाँ के रिवाज :
मेघालय की मुख्य जनजाति मे ख़ासी, गारो और जयंतियाँ है। यहाँ के लोग बहुत ही साधारण और मेहमान नवाज़ होते है। इस राज्य की एक प्रमुख बात यह है की यहाँ पर महिला को प्रधानता दी जाती है। यहाँ पर वंश का पता महिलाओ से लगाया जाता है और उत्तराधिकारी भी महिला ही होती है। जिसे मैट्रिलिनीअल सिस्टम कहते है।