भारत मे गांधी जयंती 2 अक्टूबर के दिन मानते है।
हमारे भारत देश के राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी के बारेमे तो आप जानते ही होंगे, आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम महात्मा गांधीजी के बारे मे कुछ जानने की कोशिष करेंगे।
2 अक्टूबर, गांधी जयंती हम क्यौ मनाते है ?
हमारे भारत देश के राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी है। ज़्यादातर हम इन्हे बापू या महात्मा गांधी के नाम से जानते है, उनके जन्म दिन २ अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप में पूरे भारत देश मे मनाया जाता है।
हमारे देश मे इस दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
गांधीजी दुनिया भर में उनके अहिंसात्मक आंदोलन के लिए जाने जाते हैं, इस कारण 2 अक्तूबर के समय गांधीजी के याद मे बड़े स्तर पर सम्मान करने के हेतु मनाया जाता है।
गांधी जयंती 2 अक्टूबर को मनाई जाने वाली भारत में एक राष्ट्रीय अवकाश है। इस दिन को राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी के जन्मदिन के सम्मान में मनाया जाता है, जिन्हें महात्मा गांधी या बापूजी के नाम से जाना जाता है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस दिन को अहिंसा के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि गांधीजी अहिंसा के प्रचारक थे। वह शांति और सच्चाई का प्रतीक है।
गांधीजी का जन्म दिवस :
गांधीजी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के एक छोटे से शहर पोरबंदर में हुआ था। उन्होंने यू.के. में कानून का अध्ययन किया और दक्षिण अफ्रीका में कानून का अभ्यास किया। गांधीजी ने अपनी आत्मकथा “माई एक्सपेरिमेंट्स विद ट्रुथ” में अपने बचपन और किशोरावस्था के वर्षों का वर्णन किया है।
13 साल की उम्र में कस्तूरबा के साथ उनका विवाह और अपनी मातृ भूमि के लिए एक सरासर समर्पण। उन्होंने सरल जीवन और उच्च सोच का उदाहरण दिया है। वह धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार जैसे व्यसनों के खिलाफ थे। गांधीजी सत्य और अहिंसा के अग्रणी थे।
उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए ‘सत्याग्रह‘ (अहिंसा) आंदोलन शुरू किया। उन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत के लिए स्वतंत्रता प्राप्त करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने दुनिया को साबित किया कि कुल अहिंसा के रास्ते से ही आजादी हासिल की जा सकती है।
देश भर के सभी संगठन इस दिन बंद रहते हैं। विशेष कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली के राज घाट पर किया जाता है, जहाँ गांधी जी का अंतिम संस्कार किया गया था।
इस दिन लोग प्रार्थना करते हैं, श्रद्धांजलि देते हैं और गांधीजी का पसंदीदा गीत
“रघुपति राघव राजारामपतित पावन सीतारामसुंदर विग्रह मेघश्यामगंगा तुलसी शालग्रामभद्रगिरीश्वर सीतारामभगत-जनप्रिय सीतारामजानकीरमणा सीतारामजयजय राघव सीताराम“
गाते हैं।
इसके गीत के अंदर लिए गए शब्द श्री नम: रामायणम् से लिए गए हैं जो लक्ष्माचर्या ने लिखी थी।