आध्यात्मिक द्रष्टि से शास्त्रो मे मानव शरीर का वर्णन :
- पंच महाभूत : पृथ्वी, पानी, पवन, प्रकाश, आकाश; पाँच ज्ञानेन्द्रिय : आँख, कान, नाख, जीभ, त्वचा ; पाँच कर्मेन्द्रिय : हाथ, पैर, गु-दा, लिंग, वाणी; पाँच तन्मात्रा :शब्द, स्पर्श, रूप, रस, गंध; चार अंतःकरण : मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार और आत्मा – इस प्रकार शरीर 25 तत्वो से बना है।
- मल, मू–त्र, वाछुट, वी–र्य, भूख, प्यास, हास्य, रुदन, नींद, उल्टी, ख़ासी, छिंक, उबासी यह शरीर के 13 कुदरती आवेग है।
- आँख-2, नाख-2, कान-2, मुख, लिं–ग और गु–दा इस प्रकार 9(नव) द्वारवानी इस शरीर की नागरी है।
- आधि(मानसिक पीड़ा), व्याधि(शरीक पीड़ा), उपाधि(दैविक पीड़ा) यह शरीर के मुखी तीन दुख है।
- समग्र विश्व मे किसी भी व्यक्ति के अंगूठे का निशान एक जैसा किसी के साथ मिलता नहीं है।
- एक दिन मे शरीर 21,600 सांस लेने और छोड़ ने की प्रक्रिया करता है।
- शरीर मे सांस लेने की क्रिया को पूरक, सांस रोकने की क्रिया को कुंभक और सांस छोडने की यौगिक प्रक्रिया को रेचक कहते है।
- शास्त्रो मे का-म(वास-ना), क्रोध, लोभ(लालच), मोह, मद(अहंकार-अभिमान) और मत्सर(ईर्ष्या) इसे शरीर के शत्रु कहा जाता है। जिसका सभी को त्याग करना होता है।
- सत्य, अहिंसा, दया, तप, अचौर्य और अपरिग्रह को शास्त्रो मे इस मानव शरीर का परम मित्र कहा गया है। जिसका सभी को आचरण करना है।
- श्रीमद भगवद गीता की द्रष्टि से समग्र सृष्टि मे सत्व, रज और तम – इन तीन गुणो से कोई शरीर बाकात रहता नहीं है।
- इडा, पिंगला और सुषुम्णा – यह शरीर की तीन मुखी नाड़ीया है।
- इस शरीर की वात्त, पित्त और कफ यह तीन प्रकार की प्रकृति है।
- शरीर के चार पुरुषार्थ है: धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष।
- जाग्रत, स्वप्न, सुषुप्त और तुरीय- यह शरीर की चार अवस्था है।
- परा, पश्यंती, मध्यमा और वैखरी- इस चार प्रकार की वाणी जीभ से बोली जाती है।
- शरीर की चार अवस्था – बालक, यौवन, प्रौढ़ और वृद्ध।
- पंचकर्म से इस शरीर की शुद्धि हो शकती है। जिसमे वमन, विरेचन, बस्ती, नस्य और रक्तमोक्षण का समावेश होता है।
- हमारा शरीर जीभ के द्वारा खट्टा, खारा, तीखा, कड़वा, मीठा इस प्रकार के स्वादों का अनुभव कर सकते है।
- चबाकर, चाटकर, चूसकर और पी कर- हमारा शरीर मुख द्वारा भोजन कर सकता है।
- यह शरीर विविध अंगो के द्वारा श्रुंगार, करूँण, हास्य, रौद्र, वीर, भयानक, बीभत्स, अद्भुत, शांत- एसे नव रसो का अनुभव कर सकते है।
वैज्ञानिक द्रष्टि से शरीर की रचना का वर्णन :
- हमारे शरीर मे दो फेफणे है, इन मे 4अरब वायुकोष है।
- दोनों फेफणो मे मिलके छोटी-छोटी ढाई करोड़ श्वास वाहिनिया है।
- दोनों फेफणे की रक्त वाहिनीयो की लंबाई 1600 किमी होती है।
- एक ही सांस मे मनुष्य फेफणो मे 4लीटर हवा भर सकता है।
- 24 घंटे मे मनुष्य का हृदय 1,03,680 बार धड़कता है।
- पुख्त वय के मनुष्य के हृदय का वजन 300 ग्राम होता है।
- रात को हृदय के धबकार 55 और दिन मे 72 होते है।
- मनुष्य के पैर के अंगूठे से शिर तक डेढ़ लाख रक्तवाहिनिया होती है।
- इस रक्त वाहिनियों को सीधी करदे तो उसकी लंबाई 60,000 किमी होती है।
- पुख्त वय की व्यक्ति मे कुल 7 लीटर खून होता है।
- खून के रक्त कणो को पूरे शरीर मे घूमने मे सिर्फ 20 सेकंड लगती है।
- हम एक मिनट मे 250ml प्राणवायु लेकर 200ml अंगार वायु एसे छोड़ते है।
- शरीर के तमाम रक्त कणो को एक सीधी लाइन मे रखी जाए तो उसकी लंबाई 3300 km होती है।
- दोनों किडनिओ को मिला कर कुल 20 लाख उत्सर्ग एकम कार्यरत होते है।
- एक किडनी मे ढाई लाख से नौ लाख नलिकाए(नेफ्रोन) होती है।
- दोनों किडनीया मिल कर एक दिन मे 1500 लीटर खून शुद्ध करती है।
- शरीर के छोटे आंत की लंबाई 25 फिट होती है।
- शरीर के बड़े आंत की लंबाई 6 फिट होती है।
- मुख से गुदा तक जाने मे भोजन को कुल 35 फिट की क्रियाओ से गुजरना होना पड़ता है।
- मनुष्य के पेट मे एक साथ 4 किलो भोजन समा सकता है।
- नवजात शिशु के शरीर मे 310 हड्डिया और जवानी मे 206 हड्डिया होती है।
- मनुष्य के दोनों हाथो मे 27 हड्डी होती है।
- मनुष्य के माथे की खोपड़ी 22 हड्डियों से जुड़ी होती है।
- पशिने को निकाल ने के लिए पूरे शरीर मे 5करोड़ प्रस्वेद ग्रंथिया होती है।
- शरीर मे स्नायुओ की संख्या 700 है।
- एक वर्ग फिट चमड़ी मे 1500 छेद होते है।
- मनुष्य जब बोलता है तब एक साथ 72 मासपेशीया सक्रिय होती है।
- मनुष्य जब गुस्सा या क्रोध करता है तब 128 मासपेशीओ पर उसका सीधा असर पड़ता है।
- बड़े मस्तिष्क का वजन लगभग डेढ़ किलो होता है।
- छोटे और बड़े मस्तिष्क को मिला कर कुल 100 अरब कोशिकाये होती है।
- जीभ पर 3000 स्वाद कलिकाएँ होती हैं।
- जीभ के ऊपर के स्वाद केन्द्रो हर दस दिन मे नए बनते है।
- मनुष्य की आँखें 24 घंटे में 14,400 बार झपकती हैं।
- 24 घंटे मे हम 21600 बार साँस लेते है।
- पांच किलो कचरे को शरीर से 24 घंटों में नौ छिद्रों के माध्यम से निकाला जाता है।
- मनुष्य को एक दिन में 13 क्यूबिक मीटर ताजी हवा की जरूरत होती है।
- 8 घंटे की नींद मे मनुष्य 35 बार करवट बदलता है।
- 8 ग्रंथियां हैं: पीनियल, हाइपोथैलेमस, पिट्यूटरी, थायरॉयड, अग्न्याशय, अधिवृक्क, शुक्राणु, अंडाशय।
- श्वसन-उत्सर्जन-पाचन-रक्त स्राव-ज्ञान = पाँच प्रणालियाँ शरीर को चलाती हैं।
- आंखो की पलकें हर 64 दिनों में नई निकलती है।
- प्रकाश का विश्लेषण करने के लिए आँखों में 70 लाख रिसेप्टर्स होते हैं।
- आंख का कॉर्निया एकमात्र ऐसा अंग है जिसमें एक भी रक्त वाहिका नहीं होती है।
- एक आदमी अपनी आंखों के माध्यम से 2000 से अधिक रंगों को पहचान सकता है।
- पेट की परत हर 10 दिनों में नई हो जाती है।
- मानव शरीर में कुल 60,000 बिलियन कोशिकाएँ हैं।
- शरीर में नसों की लंबाई 72 किमी होती है।
- शरीर का सामान्य तापमान 98.4 फ़ारेनहाइट है।
- शरीर सबसे कम माइनस -20 और ज्यादा 55 डिग्री (ठंडी- गर्मी) तापमान सहन कर सकता है।
- सांस लेने और छोड़ ने की आवाज़ 10 डेसिबल होती है।
- एक बच्चे को 100 कैलोरी की आवश्यकता होती है, एक युवा को 3500 कैलोरी की आवश्यकता होती है, एक वयस्क को 2000 कैलोरी की आवश्यकता होती है और एक महिला को 1800 कैलोरी की आवश्यकता होती है।
- एक जीवनकाल (20 से 55 वर्ष) में एक आदमी 120 बार रक्त दान कर सकता है।
- 100 साल के जीवन में, एक आदमी 33 साल नींद निकाल ने मे बीतता है।
- जीवन के दौरान, मनुष्य पृथ्वी की एक प्रदक्षिणा पूरी हो जाए उतना चलता है।