‘यह आपकी गलती नहीं है कि आप गरीब घर में पैदा हुए हैं, लेकिन यह आपकी गलती है कि आप गरीब घर में मरते हैं’।
यह लाइन किसी बड़े ही धनवान व्यक्ति ने कही थी, जो एसे ही गरीब घर मे जन्मे थे, लेकिन उनका लक्ष्य बहुत बड़ा था। उनको दुनिया मे अपना नाम करना था। तो जानते है, एसे ही दुनिया के सब से बड़े अमीर लोगो को।
कार्लोस स्लिम हेलु :
‘मैं यह सोचकर जीने में विश्वास नहीं करता कि लोग मुझे कैसे याद करते हैं, जिस दिन आप दूसरों की राय के लिए जीना शुरू करेंगे, आपकी मृत्यु निश्चित होगी’।
ऊपर के जो शब्द है यह कार्लोस स्लिम हेलु के है, जो दुनिया के सब से ज्यादा धनवानों मे से एक है। उनका जन्म 28 जनवरी 1940 मे मेक्सिको मे हुआ था।
कार्लोस स्लिम फोर्ब्स मेगेझिन की सूची के अनुसार 220 कंपनियों के मालिक है। जिन मे टेलि कोम्यूनिकेशन, होटेल्स, बेंक, रेलवे आदि प्रमुख है। हम कभी मेक्सिको घूम ने जाए और कार्लोस की किसी एक कंपनी को फायदा ना हो एसा शायद ही कभी होता होगा। इस लिए उनको कई लोग ‘मिस्टर मोनोपोली’ के उपनाम से पहचानते है।
कार्लोस स्लिम की संपत्ति 2011 की फोर्ब्स मेगेझिन की सूची के अनुसार 74 बिलियन डॉलर है। जब न्यूयोर्क टाइम्स कंपनी घाटे मे चल रही थी तब कार्लोस ने ही 250 मिलियन डॉलर की लोन दे कर उस कंपनी को बचाया था।
कार्लोस 6 बच्चो के पिता है। उन्होने बेचलर ऑफ आर्ट्स अँड सायन्स की डिग्री प्राप्त की है। दुनिया के सब से ज्यादा धनवान होने के बावजूद भी वे 6 बेडरूम के 30 साल पुराने घर मे रहते है। वे मेक्सिको मे खुद गाड़ी चला कर ऑफिस जाते है।
बिल गेट्स :
‘Microsoft की सफलता के दो मुख्य कारण हैं, हम अपने उत्पादों में लगातार सुधार कर रहे हैं। और हमने सूचना प्रौद्योगिकी (इन्फॉर्मेशन टेक्नोलोजी) को काफी सरल और आम, आदमी के लिए सुलभ बनाने के लिए काम किया है’।
विलियम हेनरी गेट्स तीसरे (बिल गेट्स) अमेरिका के सीएटेल शहर मे 28 अक्टूबर 1955 मे जन्मे थे। उनके पिताजी सिएटल मे प्रतिनिधि थे। उनकी माताजी मेरी गेट्स स्कूल मे शिक्षिका थी।
बिल गेट्स ने 13 साल की आयु मे कम्प्युटर प्रोग्रामिंग शुरू की। और उन्होने 18 साल की आयु मे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी मे एडमिशन लिया। वहा पर उन की मुलाक़ात स्टीव बालमेर के साथ हुई।
बिल गेट्स जब अंडर ग्रेज्युएट छात्र के रूप मे अभ्यास कर रहे थे, तब उन्होने कम्प्युटर की एक लेंग्वेज लिखी, जिसका नाम बेझिक था। 18 साल की आयु मे उन्होने उनकी पहली कंपनी की स्थापना की और सिएटल शहर के यातायात की गणना करने के लिए सिएटल सिटी में एक कंप्यूटर बेचा।
1975 में, स्नातक किए बिना, उन्होंने अपने बचपन के दोस्त पाऊल एलो के साथ माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना की। कम्प्युटर कंपनी को MS-DOS का उपयोग के लिए लाइसन्स दे कर बिझनेस को शुरू किया।
10 नवंबर, 1983 को उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम लॉन्च किया। 1 जनवरी 1994 को उन्होने मिलिंडा फ्रेंच गेट्स के साथ शादी की और उनसे उनको तीन बच्चे है। बिल गेट्स और उनकी पत्नी ने साथ मिलकर बिल अँड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन की रचना करके कई अरबों डॉलर का दान किया।
वोरन बफेट :
वोरन बफेट शेयर बाजार के गुरु माने जाते है। उन का जन्म 30 ऑगस्ट 1930 मे हुआ था। उन की मातृभूमि अमेरिका है। वे बेथ शायर हैथवे कंपनी के मालिक है और अरबों डॉलर का दान करने के लिए मशहूर है।
उनके पिताजी का नाम हावर्ड बफेट और माता का नाम लीला(स्टाल) था। उनके पिताजी शेयर दलाल थे इस के कारण वोरन बफेट को भी छोटी उम्र मे ही शेयर बाजार की समझ आ गई थी। वोरन बफेट तीन भाई-बहनो मे दूसरे नंबर के है।
वोरन बफेट को छोटी उम्र से ही बिज़नस और पैसे कमाने का शौक लग गया था। उनका गणना करने वाला दिमाग अभी भी उनके दोस्तों को हैरान कर देती है।
उन्होने 6 साल की उम्र मे अपने दादाजी की किराने की दुकान मे से कोका-कोला के 6 टिन खरीदकर और उन्हें मुनाफे मे बेचकर कारोबार शुरू किया था। और उन्होंने 11 साल की उम्र में शेयर बाजार में निवेश करना शुरू कर दिया था।
वोरन बफेट ने सिटीसर्विस कंपनी के 3 प्रेफरन्शियल शेयर 38 डॉलर की कीमत मे खरीदे थे, और थोड़े समय के बाद उस शेयर की कीमत गिर कर 27 डॉलर की हो गई। लेकिन वोरन बफेट डरे नहीं और उन्होने शेयर को जारी रखा, थोड़े समय के बाद उनके शेयर की कीमत 40 डॉलर हो गई थी। उस मे से उन्होने 6 डॉलर का फायदा हुआ था।
थोड़े समय के बाद उस शेयर की कीमत बढ़ कर 200 डॉलर हो गई थी, इस अनुभव से वे निवेश का सबसे बुनियादी सिद्धांत सीखे, धैर्य का फल मीठा होता है।
17 साल की उम्र मे उन्होने स्कूल की पढ़ाई पूरी की और कॉलेज जाने के बजाय एक प्रिंट डिलीवरीबॉय के रूप में काम किया। जिसमे से उन्होने उस जमाने 500 डॉलर की कमाई की थी। जिसकी आज के समय मे 50,000 डॉलर जितनी कीमत माना जा सकता है।
उनके पिताजी ने वोरन बफेट को बहुत समझा कर पेंसिलवान्या की एक बिज़नस कॉलेज मे एडमिशन दिलाया, और वहा पर दो साल तक रहे लेकिन हमेशा शिकायत करते रहे की मेरे प्रोफेसर से ज्यादा बिज़नस को मै अच्छी तरह से जानता हूँ।
वोरन बफेट को पढ़ाइ मे कोई खास रुचि नही थी, लेकिन फिर भी उन को समझा कर हार्वर्ड बिज़नस स्कूल मे एडमिशन के लिए एप्लिकेशन किया गया। वहा पर उनकी उम्र कम है यह कह कर उनको रिफ़्यूझ कर दिया गया। इसे हार्वर्ड स्कूल की सबसे बड़ी गलती माना जाता है।
हार्वर्ड के एडमिशन की रिजेकशन के बाद उन्होने कोलम्बिया यूनिवर्सिटी मे एडमिशन लिया। वहा पर उनकी मुलाक़ात बेन ग्राहम से हुई। जो उनके जीवन का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट बन गया और नए इतिहास की शुरुआत हुई।
लक्ष्मी मित्तल :
‘दूसरों से अलग सोचो तभी मौका मिलेगा’। Think out of the box.
यह सलाह देने वाले लक्ष्मी निवास मित्तल, 15 जून 1950 मे भारत मे जन्मे है। वे अभी इंगलेंड मे निवास करते है। 2005 मे लक्ष्मी मित्तल दुनिया के सब से ज्यादा धनिकों मे तीसरे नंबर पर थे। और 2011 मे छठे स्थान पर रह चुके है।
लक्ष्मी मित्तल मित्तल कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर है। वे स्टीलकिंग के नाम से भी पहचाने जाते है। मित्तल स्टील कंपनी दुनिया की सब से बड़ी स्टील कंपनी है। उन्होने यूरोप की आरसीलेर कंपनी को खरीद कर बिज़नस की दुनिया मे हलचल मचा दी थी।
लक्ष्मी मित्तल का जन्म भारत मे राजस्थान के चूर जिले के सादरपुर गाव मे एक गरीब घर मे हुआ था। उनके दादाजी ने बनाए मकान मे बीस लोगो का परिवार रहता था। वे मारवाड़ी अग्रवाल जाती के है। उनके पिताजी आज़ादी पहले की एक जानी मानी कंपनी ताराचंद घनश्यामदास मे काम करते थे।
कुछ समय के बाद उनका परिवार कोलकाता रहने के लिए चले गए, और वहा पर एक स्टील की कंपनी मे भागीदारी की। 1994 मे उन्होने फेमिली बिज़नस मे से अलग हो कर बाहर के देशो मे जेसे की इन्डोनेशिया, ट्रिनिदाद और टोबेगो जेसे देशो मे अपनि किस्मत आजमाई।
पिछले कुछ सालो मे उन्होने यूरोप और अमेरिका मे कई सारी कंपनिओको खरीदा। उनकी कंपनियो का संचालन 14 देशो मे चल रहा है। 2003 मे दुनिया का सब से महँगा घर केनिंगस्टन मेंशन खरीदा था। उन्होने यह घर 6 बिलियन मे खरीदा था, और उनकी बेटी वनिसा की शादी मे 50 मिलियन डॉलर का खर्च करके 20वीं सदी की सब से महंगी शादी की थी।
मार्क झुकरबर्ग :
मार्क झुरकबर्ग का जन्म 1984 मे न्यूयोर्क शहर के व्हाइट प्लेईनस मे हुआ था। उन्होने कॉलेज आधे मे छोड़ दी और गूगल की ऑर्कुट जेसी वेबसाइट बनाने मे लग गए।
मार्क झुकरबर्ग ने 2004 मे अपने सहपाठी डस्टिन मोस्कोवित्झ के साथ साझेदारी में फेसबुक की स्थापना की। उनकी शुरुआत कॉलेज मे होस्टेल के रूम से हुई थी। और चार साल मे ही, साल 2008 मे मार्क झुकरबर्ग दुनिया के सबसे छोटी उम्र के अरबपति बन गए।
मार्क झुकरबर्ग जब प्राथमिक स्कूल मे थे तब से कम्प्युटर पर नए-नए प्रोग्राम बनाना पसंद करते थे। वे कई प्रोग्राम मे सुधार कर के देखते रहते थे। उन्हे इंटरेक्टिव प्रोग्राम और वीडियो गेम्स बनाने में मज़ा आता था। वे एक प्रोग्रामर के रूप मे पहचाने जाने लगे थे।
उन्होंने छात्रों को कॉलेज में अपने पुराने सहपाठियों को खोजने और उनसे मिलने में मदद करने के लिए तीन प्रोग्राम बनाए। उन मे से एक था, फ़ेसमेस। इससे आगे जाकर, फेसबुक बनाया गया था।
शुरुआत मे फ़ेसबूक सिर्फ हार्वर्ड मे पढ़ने वालो के लिए था। लेकिन फेसबूक की लोकप्रियता मे बढ़ावा हुआ तो मार्क झुकरबर्ग ने उसका प्रसार भी बढ़ाया। Google का Orkut बाज़ार में होने के बावजूद facebook सफल रहा इस का एक ही कारण है, ऑर्कुट मे एक-दूसरे के साथ बात करने मे और संपर्क करने मे कोई सुरक्षा नहीं थी, जो मार्क ने facebook मे दी।
यह आपको आपकी उन सभी गतिविधियों की जानकारी देता है जो आप चाहते हैं और उन्हीं दोस्तों की गतिविधि आपको दिखाई देती है जिसे आप बताना चाहते है। बस इसी सुरक्षा के कारण से facebook लोकप्रिय हो गया, और मार्क झुकरबर्ग धनी हो गया।
मार्क झुकरबर्ग का गुरु मंत्र,
‘लोगों को कुछ नया और सुरक्षित दें। लगातार नया दें और अधिक नया जोड़ें’।