अमीर बनने की योग्यता क्या है ?
अगर आप डॉक्टर बनना चाहते हैं, तो आपको 12 वीं में कुछ प्रतिशत से अधिक अंक लाने होंगे। अच्छी नौकरी पाने के लिए कुछ डिग्री या योग्यता की आवश्यकता होती है। उसी तरह, अमीर होने के लिए, प्रत्येक व्यक्ति के पास कुछ योग्यताएँ होनी चाहिए जो उसे अमीर बनाने मे मदद करे। आइए देखें कि यह क्या है। –
1 अमीर बनने की प्रबल इच्छा।
2 धन के बारे में सकारात्मक विश्वास
3 अमीर बनने के लिए कड़ी मेहनत करने की इच्छा।
4 अमीर बनने के लिए सिद्धांतों और नियमों का ज्ञान।
5 सकारात्मक मानसिक मनोवृत्ति (पॉज़िटिव मेंटल एट्टीट्यूड)
1.अमीर बनने की प्रबल इच्छा :
जो लोग अपने दम पर अमीर हुए है, यानि शून्य मे से हीरो बने है, इन सब लोगो के बीच और एक बात मे समानता थी की उन सभी लोगों में अमीर बनने की तीव्र इच्छा और तीव्र लालसा थी।
आप अपने आप से सवाल कीजिए की आपको अमीर बनने की सिर्फ इच्छा ही है या फिर वह इच्छा तीव्र लालसा के स्तर तक पहुँच गई है।
2.धन के बारे में सकारात्मक विश्वास :
दुनिया मे जीतने भी लोग अमीर हुए है उनमे से कोई भी एसा नहीं मानता कि पैसा पाप की जड़ है। अमीर बनने के लिए सकारात्मक सोच होनी चाहिए, जिसके बारेमे क्या आप जानते है?
- अमीर होना कोई पाप नहीं है।
- धन सुख और शांति ला सकता है।
- अमीर लोग भी गुणवान होते है।
- धन-दौलत से समाज सेवा और देश सेवा हो सकती है।
- अच्छे स्वास्थ्य के लिए धन आवश्यक है।
- बिना पैसे के कोई लेन-देन नहीं चल सकता।
- अमीर बनना आसान है।
- मैं जितना चाहे उतना पैसा कमा सकता हूं।
- पूरी दुनिया की शक्ति मुझे अमीर बनाने के लिए उत्सुक है।
- एक अमीर व्यक्ति आध्यात्मिकता को विकसित कर सकता है।
- प्रकृति के सभी नियमों और सिद्धांतों का पालन करके व्यक्ति अमीर बन सकता है।
- मेरे पास अमीर होने के लिए बहुत सारे कौशल हैं।
उपरोक्त सभी मान्यताएँ हमें अमीर बनने में बहुत मदद करती हैं। आप मे उपरोक्त मान्यताओं में से कौन सी और कितनी हैं, इसकी जांच कर सकते हैं।
3.अमीर बनने के लिए कड़ी मेहनत करने की इच्छा :
पैसा आसमान से टपकता नहीं है, इसमें बहुत मेहनत लगती है। क्या आप अमीर बनने के लिए जरूरत पड़ने पर 12-14 घंटे काम करने को तैयार हैं? अगर यह तैयारी नहीं हो तो अमीर बनने का विचार छोड़ देना चाहिए। क्योंकि कर्म का सिद्धांत है, ‘बिना किए कुछ भी प्राप्त नहीं होता और जो किया जाता है वह विफल नहीं होता।’
4.अमीर बनने के लिए सिद्धांतों और नियमों का ज्ञान :
अंग्रेजी मे एक कहावत है, “you don’t have to re-invent a wheel”. इसी प्रकार अमीर बनने के निश्चिंत नियम और सिद्धांत है, जो आपको इसे फिर से मेहनत करके तलाशने की जरूरत नहीं है। जो लोग अमीर हो गए हैं उन्होंने इसे अनजाने में पाया है। आपको बस उस नियमों और सिद्धांतों को सीखना है और उनका पालन करना है।
आप ने अमिताभ बच्चनजी की मि. नटवरलाल पिक्चर तो देखि ही होगी, जिसमे अंत में, खलनायक अमजद खान गाँव के लोगों को बंधक बना लेता है और उन्हें एक स्थान पर रख देता है। जिनहे मुक्त करने के लिए अमिताभ या कोई ओर पहोंच न सके, इसलिए खलनायक ने रास्ते मे कई सुरंगो को छुपाता है।
अपनी जान के जोखिम में, अमिताभ अपने अंतर्ज्ञान के अनुसार कार्रवाई करते हुए, ग्रामीणों के पास पहुंचते हैं और सभी को कैद से मुक्त करता है। ये सभी लोग अमिताभ के नक्शेकदम पर चलते हैं और वापस आते समय सुरंगो से डरते हुए सुरक्षित बाहर निकल आते हैं।
इसी प्रकार से भूतकाल मे कई अमीर लोगो ने अपने सूझ-बुझ से और कई जोखम उठा कर अमीर बने, हमे भी उसी तरह से अपने सूझ-बुझ से आगे बढ़ना है और अमीर बनने के रास्ते अपनाने है।
5.सकारात्मक मानसिक मनोवृत्ति (पॉज़िटिव मेंटल एट्टीट्यूड):
हमारे जीवनमे सकारात्मक मनोवृत्ति की बहुत ही आवश्यकता है। एक बार दो लोग संपर्क मे आते है, उनका जीवन पूरी तरह से एक-दूसरे से विपरीत है। एक भाई गरीब और दोषी है और कई बार जैल जा चुका है, जबकि दूसरा व्यक्ति अमीर और समाज मे एक सम्मानित व्यक्ति है।
जब उन दोनों से पूछा गया कि आपके जीवन में ऐसा क्यों हुआ, तब दोनों का कारण एक ही था – उनके पिता।
उस गरीब और दोषी व्यक्ति ने कहा कि जब मैं छोटा था तब मेरे माता-पिता गरीब थे। मेरे पिता शराब के आदी थे। वह मेरी माँ को बहुत मारता था और खाने के लिए भी पर्याप्त नहीं देते थे। मैं ऐसे माहौल में एक अच्छा आदमी कैसे हो सकता हूं?
जब दूसरे व्यक्ति से पूछा गया, तो उसने भी यही बताया की जब मै छोटा था, तब मेरे माँ-पिताजी बहुत गरीब थे, पिता शराब के आदि थे। हमे खूब मारते थे और खाने के लिए भी कुछ नहीं देते थे। तब मैंने फैसला किया कि मैं गरीबी में नहीं जीऊँगा।
मैं अमीर बन कर अपनी पत्नी और बच्चों को अच्छा रखूंगा। मेरे घर का वातावरण बहुत अच्छा होगा, बस, इसी अतीत ने मुझे अमीर और अच्छा इंसान बननेकी प्रबल इच्छा पैदा की। अभी मैं जो कुछ भी हूँ वो अपने अतीत के कारण ही हु।
क्या कारण है कि दोनों व्यक्तियों को समान वातावरण मिला लेकिन जीवन में अलग-अलग परिणाम मिले? गरीब और दोषी व्यक्ति ने नकारात्मक दृष्टिकोण के साथ इस वातावरण को स्वीकार किया, और उसके जीवन में नकारात्मक परिणाम आया।
जब कि दूसरे व्यक्ति ने जीवन से इस नकारात्मक वातावरण को हटाने के बारे में सकारात्मक रूप से सोचा, तो उसके जीवन में सब कुछ सकारात्मक हो गया।
एसी परिस्थियाँ हमारे जीवन में आति रहेंगी- पत्ते के खेल कि तरह, तीन एक्के या तीन बादशाह से तो कोई भी जीत शकता है, लेकिन किसी भी पत्ते से बाजी जीत जाए उसे असली बाजीगर कहते है।
हम अपने दृष्टिकोण से तय करते हैं कि हम जीवन की स्थिति को कैसे स्वीकार करते हैं। जब आप अमीर लोगों के बारे में सीखते और जानते हैं, तो आप महसूस करेंगे कि उनमें से अधिकांश व्यतिओने कठिन परिस्थितियों का सामना किया है। फिर भी उन्होंने उस स्थिति को अपने पक्ष में कर लिया।