मिज़ोरम का परिचय :
प्राकृतिक सुंदरता से बिखरा मिज़ोरम राज्य बहुत ही सुंदर राज्य है। यह राज्य भारत के उत्तर-पूर्व मे स्थित है। मिज़ोरम राज्य 91% जंगलो से भरा राज्य है। यह राज्य एक पर्वतीय प्रदेश है। इसे ‘पहाड़ों की धरती’ भी कहा जाता है।
मिज़ोरम बांग्लादेश और म्यांमार से भी सीमा बनाने वाला भारत का एक छोटा सा राज्य है। इसकी सीमा पूर्व और दक्षिण मे बांग्लादेश और म्यांमार जैसे पड़ोसी देश से मिलती है। मिज़ोरम का उत्तरी भाग भारत देश के तीन राज्यो से घिरा है, जिनमे त्रिपुरा, मणिपुर और असम है।
इस राज्य की कुल आबादी सिर्फ दस लाख के करीब है। इस राज्य मे साक्षारता दर 92% है, जो भारत मे केरल के बाद दूसरे स्थान पर है।
मिज़ोरम भारत का सबसे ज्यादा बास का उत्पादक माना जाता है, इसके अलावा यह राज्य अपनी परम्पराओं और संस्कृति के लिए भी प्रसिद्ध है। यहा पर पूरे साल भर मे कई सांस्कृतिक त्यौहार मनाए जाते है।
मिज़ोरम के सामान्य तथ्य :
- स्थापना दिवस : 20 फरवरी 1987
- राजधानी : आइज़ोल
- कुल क्षेत्रफल : 21,081 वर्ग किलोमीटर
- कुल जिले : 08
- बड़ा शहर : आइज़ोल
- प्रथम मुख्य मंत्री : चे. छुंगा
- राजकीय भाषा : मिज़ो, अंग्रेजी, हिन्दी
- राजकीय पशु : हिमालयन सीरो
- राजकीय पेड़ : आयरनवुड
- राजकीय पक्षी : मिसिस हुमेस तितर
- राजकीय फूल : रेड वंडा
- मिज़ोरम की सीमा : त्रिपुरा, असम, मणिपुर, बांग्लादेश, म्यानमार
- प्रमुख नदी : त्लावांग, त्लाऊ, छिमतईपई- कालदान नदी, सोन नदी, बराक नदी, सेलुई नदी, कर्णफूली नदी आदि।
- जनसंख्या : 10,97,206(2011 की जनगणना के आधार पर)
- साक्षरता दर : 92.03% (2011 की जनगणना के आधार पर)
- प्रमुख कृषि उद्योग : चावल, मक्का, बाजरा, ज्वार, अदरख, हल्दी, दालचीनी, मिर्च, केला, अंगूर, अनानास आदि।
- पर्यटक स्थल : चमफ़ाई, सुलेमान मंदिर, पाली झील, तामदिल, काला शिव मंदिर आदि।
- नेशनल पार्क : थोरंगतलांग वन्य जीव अभयारण्य, मुरलेन, उम्पा बाघ अभयारण्य, फांगपुई ब्लू माउंटेन, खावंगलुंग वन्य जीव अभयारण्य, तवी वन्य जीव अभयारण्य
- मुख्य नृत्य : चैरो, पारखुपिला, खुआल्लाम, चोंगलाइज़ोन
मिज़ोरम का इतिहास :
मिज़ोरम का इतिहास 7 वी शताब्दी से मंगोलायड प्रजाति के साथ शुरू होता है, जो चीन और बर्मा से धीरे-धीरे पूर्वोत्तर भारत की ओर अपना विस्तार शुरू करने लगे।
मिज़ोरम के लोगो का जीवन पशु-पक्षियों का शिकार और पशुपालन एवं जंगलो पर निर्भर रहता है।
मिज़ोरम राज्य 1890 के बाद ब्रिटिश शासन के आधीन हो गया। भारत को आज़ादी मिली तब तक अंग्रेज़ो ने वहा पर अपना शासन किया। भारत को आज़ादी के साथ-साथ मिज़ोरम को भी आज़ादी मिल गई। उस समय मिज़ोरम को लुसाइ हिल्स के नाम से जाना जाता था।
मिज़ोरम आज़ादी के बाद भी कई सालो तक असम राज्य का हिस्सा बना रहा, इस के बाद 1972 मे यह राज्य पहले केंद्र शासित प्रदेश बना और उसके बाद सन 1986 मे भारत सरकार और मिज़ो नेशनल फ्रंट के बीच मे हुए समजौते के परिणाम रूप 20 फरवरी 1987 मे मिज़ोरम को भारत का 23 वे राज्य के रूप मे दर्जा दिया गया।
मिज़ोरम मे कई अलग-अलग जनजाति के लोग रहते है, इसीलिए यहा की संस्कृति ज्यादा व्यापक और समृद्ध है। यहा पर ज़्यादातर ईसाई समुदाय के लोग रहते है, जो 87 % की है। इसके अलावा यहा पर हिन्दू और बौद्ध समुदाय के लोग भी निवास करते है।
मिज़ोरम भारत देश का दूसरा सबसे कम जनसंख्या वाला राज्य है। यहा पर मिज़ो भाषा की कोई लिपि नहीं है, इसीलिए पूर्वजो का कोई लिखित इतिहास नहीं मिलता है।
मिज़ोरम का भूगोल :
मिज़ोरम राज्य उत्तर पूर्व भारत मे एक लैंडलोक राज्य है। यहाँ से कर्क रेखा लगभग मध्य मे से निकलती है। इस राज्य का क्षेत्रफल भारत के क्षेत्रफल का 0.64 मात्र है।
मिज़ोरम का भौगोलिक विस्तार उत्तरी अक्षांश 210 56’ से 240 31’ तक फेला है और पूर्वी देशांतर मे 920 16’ से 130 26’ तक फेला हुआ राज्य है। मिज़ोरम की राजधानी आइज़ोल की सीमा मे उत्तर से कर्क रेखा 230 30’ अक्षांश से गुजरती है।
मिज़ोरम का उत्तर से दक्षिण तक का विस्तार 284 किलोमीटर है और पूर्व से पश्चिम तक का विस्तार 115 किलोमीटर का है।
मिज़ोरम के दक्षिण-पूर्वी भाग मे स्थित, ब्लू पर्वत के रूप मे भी जाना जाने वाला फावंगपुई तलांग 7,250 फिट पर इस राज्य की सब से ऊंची चोटी है।
यह राज्य विभिन्न जातियों और प्राणियों एवं वनस्पतियों से सम्पन्न राज्य है। मिज़ोरम मे झूम की खेती के कारण से जो वनो को नुकसान हो रहा है, इस के लिए सरकार ने भूमि उपयोग नीति मे परिवर्तन किया है। जिसकी वजह से भूमि सुनिश्चित की गई है।
साथ मे वनारोपण कार्यक्रम मे बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे वनो को जीवंत रखा जा रहा है।
स्टेट ऑफ फॉरेस्ट 2017 के अनुसार मिज़ोरम मे किसी भी भारतीय राज्य के भौगोलिक क्षेत्र के प्रतिशत के रूप मे सब से अधिक वन क्षेत्र पाये गए है, जिसका क्षेत्रफल 86.27% है।
वानतांग जल प्रपात :
वनतांग जल प्रपात मिज़ोरम का सब से ऊंचा और भारत का 13वां सबसे ऊंचा जल प्रपात है। यह प्रपात वाटरफोल आइज़ोल से 104 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
यह प्रपात अपनी 324 फिट की ऊंचाई के साथ पर्यटको के लिए भी देखने लायक स्थान है।
मिज़ोरम मे कृषि प्रणाली :
मिज़ोरम मे ज़्यादातर लोग कृषि से जुड़े है, लगभग 80% लोग है जो कृषि कार्यो से अपना जीवन व्यतीत करते है, इसलिए यह राज्य खेती प्रधान है। यहा पर बागवानी खेती भी की जा सकती है, जिनमे मुख्य रूप से फल उगाये जाते है। इनमे पपीता, अनानास, केला, अंगूर, संतरा आदि है।
इस के अलावा यहा पर काली मिर्च, हल्दी, अदरख आदि मसालें भी उगाये जाते है।
झूम खेती प्रणाली :
यहा पर मुख्य रूप से कृषि की झूम प्रणाली पाई जाती है। झूम यानि की जंगलो मे वनस्पतियों एवं वृक्षो को काट कर जला दिया जाता है, और उस जगह को साफ करके वहा पर खेती करते है, जिसे ‘झूम खेती प्रणाली’ कहते है।
इस खेती मे जब तक मिट्टी उपजाऊ होती है, तब तक की जाती है फिर उस जगह को छोड़ कर दूसरी जगह झूम खेती करते है। इस प्रकार इस झूम खेती प्रणाली मे स्थानान्तर करते रहना पड़ता है।
मुख्य रूप से यह खेती उष्णकटिबंधीय जंगल प्रदेशो मे ही की जाती है।
मिज़ोरम मे मेजोर डैम :
तुइरियल बांध :
यह बांध मिज़ोरम राज्य के कोल्लिब के पास सोनई नदी पर बना एक भूकंप और गुरुत्वाकर्षण डैम है।
सेरलुई डैम :
यह डैम मिज़ोरम के कोल्लिब जिले के पास स्थित बिलखव्थलीर गाँव से 12 किलोमीटर की दूरी पर सलुई नदी पर बना एक भूकंप और गुरुत्वाकर्षण डैम है।