हम मरने से पहले क्या करना चाहते है?

  • Post author:
  • Reading time:2 mins read

…मेरे मरने से पहले मुझे….

हम रास्ते से कहीं जा रहे होते है और अचानक हमे एक ब्लेकबोर्ड दिखाई दे जिसमे लिखा होता है की, ‘मेरे मरने से पहले मुझे…..’ इस के बाद इस आधे वाक्य को पूरा करने के लिए जगह खाली रखी होती है। तो हम क्या लिखेंगे? हमारे पास तो बहुत ही लंबी लिस्ट होगी, हमे मरने से पहले बहुत कुछ करना होता है। लेकिन उसके लिए हमारे पास समय नहीं होता है और उसे हम कल पर छोड़ देते है। जैसे की,

… मैं अपनी माँ को बताना चाहता हूँ कि मैं तुझे बहुत प्यार करता हूँ।

हर माँ-बात अपने बच्चे को प्यार करते है। लेकिन, क्या हर बच्चा अपने माँ-बाप से उतना प्यार करता है? अगर करते है तो उन्हे बताने से मत हिच-किचाओ, उन्हे जा कर बता दो की माँ या पिता जी मै भी आप लोगो से बहुत प्यार करता हु। इतना बताने मे समय मत बर्बाद करो। क्योंकि कल किसने देखा, कल हो न हो। माँ हमारी इतनी care करती है तो हमे भी उनसे प्यार भरी बाते करनी चाहिए, जिनकी वह हकदार है।

हम मरने से पहले क्या करना चाहते है?
हम मरने से पहले क्या करना चाहते है?

… मैं जीवन को समझना चाहता हूं।

जीवन क्या है? – जीवन एक नदी की तरह बहता प्रवाह है। जिसे रोक ने से भी नहीं रोका जाता है, बस चलता ही जाता है। इसे समझने की कोशिश करने मे कोई बुराई नहीं है, लेकिन इसे जितना समझोगे उतना ही उलझते जाओगे।
मरने से पहले जीवन को समझने के लिए जीवन को खुल के जीना सीखना चाहिए। जीवन जीने का मझा तभी आयेगा जब हम खुल के और खुशी से जीवन जिएंगे।

जीवन को समझने के लिए हमे हमारे आस-पास की चिझे जो कुदरत ने हमे दी है ये खुला आसमान, ये धरती, ये पेड़-पौधे उसे देख कर हमारे जीवन को भी हमे उसी तरह से परोपकारी बनाना चाहिए। ये सब निःस्वार्थ हो कर अपना कर्तव्य करते है।
मरने से पहले जीवन को समझना है तो अभी से हमे मिले इस जीवन का सदुपयोग कर ने की शुरुआत कर देनी चाहिए। जीवन को समझना इतना मुश्किल भी नही है, सिर्फ इसको सही रास्ते पर लाने की जरूरत है।

… मैं एक किताब लिखना चाहता हूँ।

किसी को इच्छा होती है की वह मरने से पहले कोई किताब लिखे, लेकिन उसके लिए उस व्यक्ति को समय नहीं मिल पाता है। पर जब वह एसे किसी ब्लेकबोर्ड पे देखता है की मेरे मरने से पहले मुझे ….. । तब उसे अचानक से याद आता है की मुझे अपने जीवन मे एक किताब लिखनी है। पर कब… ?
जीवन तो चलता ही जाता है, एसे ही दिन, महीने, साल गुजरते जाते है। पर हमारे जीवन को तभी खुशी मिलेगी जब हमारी इच्छा पूरी होगी।

हमारे जीवन मे कई सारे काम होते है, उस काम मे से थोड़ा समय निकाल कर हमारी इच्छा को पूरी करने मे बिताए तो ! अगर मरने से पहले किताब लिखनी ही है तो आज-कल पर मत बिताए, अभी से शुरू हो जाओ। समय किसी का इंतज़ार नहीं करता।

… मै जीवन को एंजॉय करना चाहता हूँ।

हम जब छोटे होते थे तो बिना किसी की फिक्र किए कही पर भी कुछ भी कर सकते थे और कभी-कभी हमारे माँ-पिताजी हमे कई जगहो पर रोकते भी थे। तब हमे लगता था की हम जब बड़े हो जाएंगे तब कोई हमे नहीं रोकेगा, और जब बड़े हो जाते है थोड़े – बहुत समझदार हो जाते है तो पढ़ाई को लेकर व्यस्त रहने लगते है। पढ़ाई के बाद नोकरी, करियर इन सब मे व्यस्त रहने लगे।
इन सब मे वो जीवन को एंजॉय करने का ख्वाब, ख्वाब ही रह जाता है। जब कही पर उचित और permanent नोकरी मिलती है तो शादी के लिए घर के लोग उतावले हो जाते है। शादी के बाद बच्चे, बच्चो की पढ़ाई, उनका करियर इतने मे तो जीवन का अंत सामने दिखाई देता है।

तो मरने से पहले जीवन मे जो एंजॉय करना होता है वह क्या जीवन के आखरी पड़ाव पर करेंगे?
जीवन तो इसी तरह चलता जाता है लेकिन जीवन के इसी छोटे-बड़े कामो मे से हमे जीवन को एंजॉय करने की तक ढूंढ लेनी है। नहीं तो हम जीवन को एंजॉय करने का मौका एसे ही हाथ से जाते देखेंगे। ‘जीवन को एंजॉय करने का समय आता नहीं है हमे लाना पड़ता है’।

… मुझे सुखी होना है।

अगर आप को जीवन मे सुखी ही होना है, तो हो जाइए सुखी! किसने रोका है? सुखी होने के लिए किसी समय या किसी प्रसंग का इंतजार मत कीजिए। क्योंकि हमारे जीवन मे सुखी होना हमारे हाथ मे है। हमे सुख पा ने के लिए किसी के मोहताज बन ने की जरूरत नहीं है।
मर ने से पहले सुखी होने का क्या मतलब? पूरी जिंदगी क्या किया? सच मानो तो हम कभी सुखी होना ही नहीं चाहते। क्योंकि हर दिन हम खुद से ज्यादा दूसरों पे ध्यान देते रहते है, खुद पर कभी ध्यान दिया ही नहीं। दूसरे क्या करते है? कहाँ जाते है? क्या पहनते है? यहाँ तक की दूसरे क्या कम करते है? ये सब जानने मे ही समय की बरबादी होती रहती है।


कभी – कभी हमे दूसरों की चिंता छोड़ कर हमे खुद मे, खुद के लिए समय बिताना चाहिए। तब हमे पता चलेगा की हमारी जिंदगी हमारी है। उस को किसी के लिए क्यों वेस्ट करे।
मरने से पहले सुखी होने से अच्छा है की हम हर दिन सुखी से जिए। क्या पता कब आखरी दिन हो। हमारे जीवन को हम खुद ही सुखी कर सकते है।

… मुझे मेरे बच्चो के लिए कुछ करना है।

सब लोग अपने बच्चो के लिए कुछ न कुछ करना चाहते है। जब बात मर ने से पहले की हो तब तो निश्चित रूप से ही उन्हे अपने बच्चो के लिए कुछ करना होता है। ताकि अपनी मौत के बाद भी अपने बच्चो को किसी बात की तकलीफ न हो।
अगर कुछ करना ही है तो अपने बच्चो को सही सोच और सही संस्कार दीजिए, जो आपके मरने के बाद भी आपके बच्चो मे जीवित रहेंगे।

जिस से आपके बच्चो को गर्व हो की उनके माता-पिता ने उनकी परवरिश सही तरीके से की है।
मरने से पहले बच्चो के लिए कुछ छोड़ जाने से अच्छा है की उनको सही रास्ते पर चलना सिखाये, जिस से वह शिर उठा के जी सके। उसके अंदर आत्मविश्वास हो की वह खुद अपने जीवन मे सब कुछ पा सके बिना किसी के सहारे।

अगर अपने बच्चो के लिए कुछ करना ही चाहते है तो आप संस्कार रूपी पूंजी अपने बच्चो को दे, जिससे आप को अपने आखरी समय पर भी गर्व हो।
तो दोस्तो मेरे कहने का अर्थ यहीं है की मरने से पहले मुझे ये करना है, मुझे वो करना है यह सोचने से अच्छा है की हम अभी जो मिला है उसीमे खुश रहे, बाकी कल जो होगा वह देखा जाएगा।

सब के साथ मिल-झूल कर रहे। इसी मे सब की भलाई है। नहीं तो हमे आखिरी समय मे पछतावा ही होगा की मुझे मरने से पहले उसके साथ बात करनी थी, उससे माफी मांगनी थी आदि।

Nice Days

हम भारत देश के निवासी हैं इसलिए हम अपने देश के बारे में जो भी जानकारी जानते हैं, वह सभी जानकारी जैसे की इतिहास, भूगोल, भारत के त्यौहार, आस्था आदि से जुडी जानकारी इस ब्लॉग में हिंदी भाषा में दी गई है।

Leave a Reply